MIDDLE CLASS ( का सबसे बड़ी समस्या ,मुझे कोई गरीब ना समझ ले ):
- मध्यम वर्ग का मतलब है, एक सामाजिक और आर्थिक वर्ग जो गरीब या निम्न वर्ग से ज़्यादा समृद्ध और उच्च वर्ग से कम अमीर लोगों से मिलकर बना हो. मध्यम वर्ग के लिए कुछ परिभाषाएंः
ओईसीडी के मुताबिक, मध्यम वर्ग उन परिवारों को कहते हैं जिनकी आय औसत राष्ट्रीय आय के 75% से 200% के बीच होती है.इंडियन थिंक टैंक के एक सर्वे के मुताबिक, जिन लोगों की सालाना आय 5-30 लाख रुपये होती है, उन्हें मध्यम वर्ग की श्रेणी में रखा जाता है.भारत में, मध्यम आय समूह को 7.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय वाले परिवारों के रूप में परिभाषित किया गया है. वहीं, मध्यम वर्ग को 6 लाख रुपये से 18 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय वाले परिवारों के रूप में परिभाषित किया गया है.मध्यम वर्ग के कुछ उदाहरणः प्रोफ़ेसर, स्कूल टीचर, क्लर्क, व्यवसायी.
MIDDLE CLASS के गरीब होने के कारण :मध्यम वर्ग के लोग दूसरों को दिखाने के लिए अपने खर्च को बड़ा करते जाते ,और धीर धीरे माध्यम वर्ग से निम्न वर्ग
मे आ जाते , अपने रहन सहन और अपने लाइफ स्टाइल के कारण कर्ज मे डूबते चले जाते है , और जब उनकी जरूरते अपनी आय से नहीं होती है तो वे दूसरों से कर्ज , क्रेडिट कार्ड आदि का इस्तेमाल् करते है और बड़ा ब्याज अदा करते है और अपना जीवन धीरे धीरे बेकार कर देते है , अपने जीवन और रहन सहन को अपने आस पास और जननें वाले की हिसाब जीने लगते और उनके हिसाब खर्च करते है लेकिन , उनके आय और अपने आय की तुलना नहीं करते और वे गरीबी के जंजाल से निकाल नहीं पाते है .
MIDDLE CLASS गरीब होने के कई कारण :
1: गरीबों का सबसे बाद डर: गरीबों का सबसे बाद डर ये होता है की उनको कोई गरीब ना समझ ले , इस दीखावे मे आकार महंगे मोबाईल , महंगी बाइक , महंगे जूते , कपड़े आदि पर अपने ये से ज़्याद खर्च करते है ,और कर्ज मे डूबते चले जाते है।
2:ईमर्जन्सी फंड : मध्यम वर्ग के लोग अपने खर्चों के चक्कर मे आकार अपने आकस्मिक फंड को नहीं बनाता , और जब भी एमेरजेनी आती है , तो उसी मे बड़े कर्ज मे आ जाता
है , परिवार किसी एक की ब्यक्ति के बीमार होने पर वे पूरी तरह से बरबाद हो जाते है और कर्ज के दलल मे डूब जाते है ।
3:बचत और निवेश : अपने सारे आय को खर्च करते जाते है और बचत और निवेश के बारे मे कभी सोचते नहीं ,और आदमी का पूरा जीवन काम करते जाते है और उनके पास अंत मे कुछ नहीं होता है ,
4:रिस्क न लेना : गरीब और माध्यम वर्ग की सबसे बाद प्रॉब्लेम ये है , रिस्क नहीं लेते है , जीवन मे रिस्क नहीं लेना भी सबसे बाद रिस्क होता है,
5:INSTANT EARNING & BIG RETURN: गरीब आदमी को तत्काल और बड़ा आय के चकर मे आकर मे आकार गलत जगह निवेश करते है और अपनी पूजी को भी डूबा देते है , और कर्ज मे डूब जाते है , सेबी का डाटा है F & O मे 90% से भी ज़्यादे लोग अपने पैसे को हर साल गवाते है,शेयर मार्केट मे आम लोग अपने पैसे को एक दिन मे दोगुना करने के चक्कर मे डूबा देते है , और आमिर आदमी पूरे साल का 15 % लेकर खुश है , और इसीलिए वे आमिर है ।
6:MINDSET WITH & WITHOUT MONEY:जिसके पास पैसा होता है ,वह तरह तरह के रिस्क लेता और कई काम का प्रयास करता है और किसी न किसी मे सफल हो जाता है और जिसके पास पैसे नहीं होते है ,वह किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेते है , क्योंकि उनको पास रिस्क की छमता काम होती है और इसी कारण गरीब ही रह जाते है ,
गरीब आदमी या तो निवेश कम करता है ,या तो करता ही नहीं है वो अपने खर्चों और दैनकी जरूरतों को ही पूरा करता रहता है ,
इसके ठीक विपरीत आमिर आदमी अपने आज के बारे मे नहीं सोचता है और अपने निवेश को बड़ा करता रहता है , और वो अपने आने वाले समय के लिए पहले से ही तैयार रहता है ।
7:HIGH CONFIDENCE & LOW CONFIDENCE: जो ब्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होता है ,उसका भरोसा बहुत ही ऊपर होते है , यु कहे तो सातवे आसमान पर होता है , इसलिए वह कोई भी फैसला ले लेता है और वह सफल भी हो जाता है।
इसके विपरीत गरीब ब्यक्ति अपने रोजमरा की जरुतों से ही परेशान रहता है , और कोई रिस्क नहीं ले पाता है और उसका जीवन समस्या मे ही रहता है
निष्कर्ष : उपरोक्त अध्ययन करने से यही निष्कर्ष निकलता है , की हर आदमी को अपनी बचत और निवेश पर ध्यान देना चाहिए , ईमर्जन्सी फंड जरूर तैयार करना चाहिए , इससे आपका जीवन आसान और सुखमय हो सकता है और अपने आने वाली पीढ़ी को सुरछित कर सकता है।
डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)