SEBI F&O new rules ( F&O नया नियम)

        SEBI F&O new rules ( F&O नया नियम)

SEBI

SEBI ने F&O पर एक नया सर्कुलर जारी किया है । इस नए नियाम के अनुसार SEBI के F&O से जुड़े नए नियम 20 नवंबर से लागू होंगे

1 फरवरी से OPTION BUYER से upfrant प्रीमियम और intraday postion लिमिट की निगरानी होगी । इसके  साथ ही सेबी ने डेरीवेटीव्स 

के लिए इंडेक्स वायदा कान्ट्रैक्ट की वैल्यू कम से कम 15 लाख होगी । मौजूदा समय मे ये 5 लाख से 10 लाख रुपये तक होती है । सेबी के मुताबिक

फ्यूचर एण्ड options के नए नियम कई चरणों मे लागू होंगे ।

         नए नियमों का एलान :

SEBI ने रिटेल इन्वेस्टर्स को डेरिवेटीव्स ट्रैडिंग मे होने वाले नुकसान से बचाने के लिए नए नियम लागू किए है । सेबी की एक अध्यन मे पाया गया है की , अप्रैल 2021 से

मार्च 2024 के तीन सालों मे furure एण्ड options मे 92 फीसदी से भी ज्यादा रिटेल इन्वेस्टर्स को लॉस हुआ है । उन्हे कुल 1.81 लाख करोड़ रुपये का नुकसान                                             उठाना पडा है । सेबी इस बारे मे कई बार चिंता जाता चुका था । इससे उम्मीद की जा रही थी की मार्केट रेग्यलैटर जल्द F&O के नियमों को सख्त बना सकता है ।                                         उसने 1 अकतूबर को नए नियम जारी कर दिए । जो की सेबी का एक स्वागत योग्य फैसला है , इससे नए और काम पूंजी वाले ट्रैडर अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद                                   कर रहे है ।

       अभी BSE मे दो कान्ट्रैक्ट मे ट्रैडिंग :

अभी बीएसई मे सूचकांकों से जुड़े दो कोंटकट्स -BSE SENSEX और BSE BANKEX मे ट्रैडिंग होती है । एक सूत्र ने बताया है की bankex के मुकाबले सेंसेक्स मे                                    वॉल्यूम काफी अधिक है । इसलिए बीएसई विक्कली कान्ट्रैक्ट के लिए बीएसई सेंसेक्स को जारी करने का फैसला लेगा । इस बारे मे बीएसई के प्रवक्ता ने पूछे गए सवाल                                  का जबाब नहीं दिया । अगस्त मे बीएसई के इंडेक्स ऑप्शन मे नैशनल टर्नोवर 2603 लाख करोड़ रुपये था । FY24 मे कुल वॉल्यूम मे सेंसेक्स की हीसेदारी 85 फीसदी                                  थी ।

       एनएसई के वॉल्यूम मे आएगी ज्यादा कमी :

SEBI

ब्रोकरेज फर्म जेफ्रीज ने कहा है की उसने बीएसई की प्रति शेयर आय EPS मे 10 फीसदी की कमी की है । उसने BANKEX प्रोडक्ट बंद जोने के अनुमान के आधार                                     पर ऐसा किया है । उसने यह भी कहा की नए नियम लागू होने के बाद उसका फोकस सेंसेक्स प्रोडक्ट के वॉल्यूम पर पड़ने वाले असर पर होगा । इस बीच ,ब्रोकरेज फर्म                                 IIFL Securities ने कहा है की उसे नए नियमों की बजह से बीएसई के वॉल्यूम मे 20 फीसदी और एनएसई के वॉल्यूम मे 30-35 फीसदी कमी आने का अनुमान है .

       एनएसई मे चार कान्ट्रैक्ट मे विक्कली एक्स्पाइरी :

डेरिवेटिव ट्रैडिंग के लिहाज से एनएसई इंडिया का सबसे बडा स्टॉक एक्सचेंज है । इसमे वीकली एक्स्पाइरी वाले चार कान्ट्रैक्ट मे ट्रैडिंग होती है । इनमे निफ्टी ,बैंक निफ्टी                           ,फिन निफ्टी और निफ्टी मिडकप ,शामिल है । एनएसई का इंडेक्स ऑप्शन का नैशनल टर्नोवर अगस्त मे 7,768 लाख करोड़ रुपये था । IIFL के मुताबिक ,निफ्टी का सबसे                        बडा कान्ट्रैक्ट प्रोडक्ट बैंक निफ्टी है । एक्सचेंज के कुल ऑप्शन प्रीमियम वॉल्यूम मे इसकी 50 फीसदी हीसेदारी है ।

निष्कर्ष : F & O मे इस प्रकार के बदलब का SEBI का स्वागत योग्य कदम है ,क्योंकि जो भी नए ट्रैडर आ रहे है वो अपनी पूंजी बर्बाद करके जा रहे है , ट्रैडिंग का मतलब सट्टेबाजी नहीं है इसका मतलब सीस्टमेटिक ढंग से ट्रैडिंग करना है लेकिन लोगों की ये भावना बन गई है की एक दिन या एक घंटे मे पैसे दोगुना करे जो की मुस्किल है इस प्रकार के बहकावे मे आकर अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद कर रहे , SEBI के इस कदम से अब वीकली एक्स्पाइरी की संख्या कम होगी ,और ऑप्शन प्रीमियम भी महंगा हो सकता इससे वॉल्यूम काम होगा ,इससे 92 % लॉस का अनुपात कुछ कम हो सकता है

 

डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

 

 

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