Inflation Calculator: क्या आप जानते हैं 1 लाख रुपये की वैल्यू 20, 30 और 40 साल के बाद कितनी होगी?

Future Value Calculator: महंगाई बढ़ने की वजह से चीजें महंगी होती हैं और रुपये की वैल्यू कम होती जाती है.रुपये की वैल्यू में यह गिरावट दर्शाती है कि महंगाई आपके पैसे की फ्यूचर परचेजिंग पावर पर कैसे असर डाल सकती है.

नई दिल्ली:

: इन्फ्लेशन यानी महंगाई जो समय के साथ-साथ बढ़ती ही जा रही है और इस महंगाई के बढ़ने के चलते रुपये की वैल्यू भी साल-दर-साल कम हो रही है. आसान शब्दों में कहें तो आज अगर आप कोई चीज जितने रुपये में खरीद सकते हैं, संभव है कि आप भविष्य में उस दाम पर उसे न खरीद पाएं. कितनी बार हम हमने पेरेंट्स को इस तरह की बातें करते सुनते हैं कि हमारे जमाने में ब्रेड 2 रुपये में आ जाती थी या सोना बहुत सस्ता था. दरअसल, महंगाई बढ़ने की वजह से चीजें महंगी होती हैं और पैसों की वैल्यू कम होती जाती है.

ऐसे कैल्कुलेट करें रुपये का वैल्यू (Understand the future value of money)

रुपये की फ्यूचर वैल्यू को समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि तभी आप इस बात का अंदाजा लगा पाएंगे की आपकी सेविंग फ्यूचर के हिसाब से पर्याप्त है कि नहीं. यदि महंगाई (Inflation) ज्यादा है, तो आपके पैसे की वैल्यू यानी कीमत कम हो जाती है, जिसका मतलब है कि आप उसी अमाउंट से अब कम खरीदारी कर पाएंगे. इसके उलट, अगर महंगाई कम होगी, तो आपके पैसों की वैल्यू बढ़ेगी, जिससे आप ज्यादा खरीदारी कर सकेंगे. इसलिए पैसों की फ्यूचर वैल्यू पता होने से आपकी भविष्य की जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आपकी सेविंग पर्याप्त है या नहीं यह जानने में मदद मिलती है.

अगर महंगाई के पिछले रिकॉर्ड देखें तो साल 2010 में महंगाई 12% पर पहुंच गई थी. फिर 2016 से महंगाई कम होना शुरू हुई, औसतन लगभग 4%. हालांकि, कोविड महामारी के बाद महंगाई दर 6% फीसदी से ज्यादा हो गई थी. हाल ही में, महंगाई की दर 4% से नीचे आ गई है.

4% महंगाई दर के हिसाब से भविष्य में 1 लाख रुपये की क्या वैल्यू होगी?

मौजूदा महंगाई दर और लॉन्ग टर्म के लिए RBI द्वारा निर्धारित महंगाई दर 2 फीसदी टॉलेरेंस रेंज के साथ 4 फीसदी ही है. इसी महंगाई दर पर आज हम रुपये की वैल्यू कैलकुलेट करेंगे. यह हमें अगले 20, 30 और 40 सालों में 1 लाख रुपये की क्या वैल्यू होगी इसका अनुमान लगाने में मदद करेगी. यह मानते हुए कि महंगाई RBI की टारगेट रेंज के भीतर रहेगी.

20, 30 और 40 सालों के बाद 1 लाख रुपये की वैल्यू क्या होगी?

Inflation Calculator अगर हम सालाना महंगाई दर 4% मानकर कैलकुलेट करें, तो 1 लाख रुपये की वैल्यू 20 सालों के बाद घटकर लगभग 45,800 रुपये हो जाएगी. वहीं, 4% की सालाना महंगाई दर मानते हुए, 30 सालों के बाद 1 लाख रुपये की वैल्यू और कम होकर करीब 23,500 रुपये हो जाएगी.अगर महंगाई 4% की सालाना दर पर जारी रहती है तो, 40 साल बाद आपके 1 लाख रुपये की वैल्यू लगभग 12,100 रुपये रह जाएगी.

रुपये की वैल्यू में यह भारी गिरावट दर्शाती है कि महंगाई आपके पैसे की फ्यूचर परचेजिंग पावर (Purchasing power) पर कैसे असर डाल सकती है. इसलिए फ्यूचर की फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय महंगाई दर को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. खास तौर पर रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय क्योंकि आपको जो फंड वैल्यू आज रिटायरमेंट के लिए काफी लग रही है वो शायद 20-30 साल बाद के लिए काफी न हो.

1 करोड़ रुपये की कीमत 10, 20, 30 साल बाद कितनी होगी? Inflation Calculator के जरिये समझें

महंगाई के इस दौर में समय के साथ रुपये की गिरती कीमत इस बात की ओर इशारा करती है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लानिंग करना कितना जरूरी है.

1 करोड़ रुपये की कीमत 10, 20, 30 साल बाद कितनी होगी? Inflation Calculator के जरिये समझें

Investment Tips: महंगाई के इस दौर में समय के साथ रुपये की गिरती कीमत इस बात की ओर इशारा करती है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लानिंग करना कितना जरूरी है.

 

1 करोड़ रुपये की कीमत 10, 20, 30 साल बाद कितनी होगी? Inflation Calculator के जरिये समझें
Inflation Calculator : महंगाई की वजह से समय के साथ पैसे की कीमत घटती जाती है.

नई दिल्ली:: आज के समय में 1 करोड़ रुपये का फंड आपको काफी बड़ा लग सकता है. क्योंकि आपको लगता है कि इससे आप आसानी से घर खरीद सकते हैं, बच्चे की पढाई से लेकर उनकी शादी के खर्च को पूरा कर सकते हैं… देश-विदेश घूमने का सपना पूरा कर सकते हैं और अपनी हर जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. लेकिन, आपने कभी सोचा है कि 10, 20 या 30 साल बाद जब आप रिटायर होते हैं तो क्या यह रकम आपके लिए काफी होगी? सच्चाई यह है कि महंगाई के चलते समय के साथ पैसे की वैल्यू भी कम होती जाती है. आज के हिसाब से जो रकम आपको काफी लग रही है, वह फ्यूचर में रिटायरमेंट के बाद आपकी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती.

आज हम आपको बताएंगे कि इन्फ्लेशन (Inflation) यानी महंगाई आपकी परचेजिंग पावर (purchasing power) को धीरे धीरे कैसे कम कर देती है और क्यों हमें लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग (Long Term Financial Planning) करनी चाहिए.

महंगाई के साथ-साथ कैसे घटती है पैसे की वैल्यू?

आपके बैंक अकाउंट में 1 करोड़ रुपये की रकम होना आज बड़ी बात लगती है, लेकिन यह भविष्य में आपकी फाइनेंशियल नीड को पूरा करने के लिए काफी नहीं होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि महंगाई की वजह से समय के साथ पैसे की कीमत घटती जाती है. अगर आज किसी कार की कीमत 8 लाख रुपये है, तो 15 साल बाद इसकी कीमत और ज्यादा हो जाएगी.

इसे और आसान तरीके से समझने के लिए, आप याद कीजिए कि आज से 10 या 15 साल पहले किराने के सामान या किराए पर आप कितना खर्च करते थे और आज उसकी तुलना में कितना ज्यादा खर्च कर रहे हैं. क्योंकि महंगाई की वजह से समय के साथ चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. सोने को ही ले लीजिए आज से 20 साल पहले सोने की कीमत और आज की कीमत देख लीजिए आपको आसानी से समझ आ जाएगा. इसलिए, भले ही आज 1 करोड़ रुपये का फंड आपको बड़ा लगता हो, लेकिन फ्यूचर में सभी जरूरतों को पूरी करने के लिए यह काफी नहीं होगा.

जानें 10, 20 या 30 साल बाद 1 करोड़ रुपये की कीमत

के हिसाब से 6% की महंगाई दर मान कर चलें तो 10 साल बाद 1 करोड़ रुपये की कीमत घटकर 55.84 लाख रुपये रह जाएगी. यह दिखाता है कि लॉन्ग-टर्म सेविंग (Long-term Savings) और इन्वेस्टमेंट (Investments) पर महंगाई का कितना असर पड़ता है.

वहीं, महंगाई दर को 6% मानते हुए 20 साल के बाद, 1 करोड़ रुपये का कीमत लगभग 31.18 लाख रुपये रह जाएगी. और  30 साल बाद की बात करें तो  1 करोड़ रुपये की कीमत 6% महंगाई दर के हिसाब से लगभग 17.41 लाख रुपये रह जाएगी.

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लानिंग क्यों है जरूरी?

समय के साथ रुपये की गिरती कीमत इस बात की ओर इशारा करती है कि इस गिरावट को ध्यान में रखकर रिटायरमेंट प्लानिंग करना कितना जरूरी है. हम अक्सर आज की परचेजिंग पावर के आधार पर फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं. लेकिन, समय के साथ यह परचेजिंग पावर धीरे-धीरे कम होती जाती है.

 

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