बिटकॉइन(Bitcoin) कैसे काम करता है :

बिटकॉइन (Bitcoin):

Bitcoin

 

 

 

 

 

 

बिटकॉइन (Bitcoin) एक डिजिटल या cryptocurrency है ,जिसे किसी भी केन्द्रीय या सरकार के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है । यह एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा है ,जो इंटरनेट पर लेन -देन करने के लिए प्रयोग होती है । बिटकॉइन (Bitcoin) का निर्माण 2008 मे एक गुमनाम व्यक्ति या समूह ,सातोशि नाकामोटो के द्वारा किया गया था । इसे 2009 मे आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया ।

बिटकॉइन (Bitcoin) की विशेषताए :

1. विकेन्द्रीकरण :बिटकॉइन  (Bitcoin)को भी केन्द्रीय संस्था या सरकार नियंत्रित नहीं करती । इसका नेटवर्क पूरी तरह से पियर टू पियर प्रणाली पर काम करता है ,यानि हर उपयोगकर्ता खुद अपनी जानकारी पर नियंत्रण रखता है और नेटवर्क मे योगदान करता है ।

2. ब्लॉकचेन तकनीकी : बिटकॉइन ब्लाकचेन नामक एक तकनीकी पर आधारित है । ब्लॉकचेन एक सार्वजनिक खाता – बही है जिसमे सभी बिटकॉइन लेंन -देंन का रिकार्ड सुरक्षित रूप से रखा जाता है । यह एक खुला और पारदर्शी प्रणाली है ,जिसमे कोई भी बदलाव करना ममुश्किल होता है ,जिसमे धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम हो जाती है ।

3. सीमित आपूर्ति :बिटकॉइन  (Bitcoin)की कुल संख्या 21 मिलियन तक सीमित है । इसका मतलब है की कभी भी 21 मिलियन से अधिक बिटकॉइन नहीं बनेंगे ,जो इसे एक प्रकार की संकटग्रस्त या नौटंकी संपाती बना सकता है ,जैसे सोने की तरह ।

4. अनामिता :बिटकॉइन लेंन -देंन कुछ हद तक गुमनाम होते है । हालांकि ,हर transation का रिकार्ड ब्लॉकचेन पर सार्वजनिक रूप से होता है ,लेकिन उपयोगकर्ता की पहचान पूरी तरह से नहीं डि जाती । इसका मतलब यह है की आपको बिटकॉइन ट्रांसकटीऑन मे व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करनी होती है ।

5. प्रेरक प्रोटोकॉल :बिटकॉइन नेटवर्क को सुरकक्षित रखने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क नामक एक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है । इसमे खनिक जटिल गन्नाए हल करते है और बदले मे उन्हे बीटकॉइन से पुरस्कृत किया जाता है ।

6. मूल्य मे उतार चढ़ाव :बिटकॉइन का मूल्य बहुत तेजी से बदलता है । कभी यह बहुत उच्च स्तर पर पहुच सकता है ,तो कभी अचानक गिर सकता है । इस करण इसे एक उच्च जोखिम वाली निवेश बस्तु माना जाता है ।

बिटकॉइन(Bitcoin) कैसे काम करता है :

1. लेंन  -देंन :जब आप किसी को बिटकॉइन भेजते है ,तो लेंन -देंन नेटवर्क मे भेजा जाता है । खनिक इसे सत्यापित करते है और इसे ब्लॉकचेन पर दर्ज कर देते है । एक बार सत्यापित होने के बाद ,यह लेंन -देंन स्थायी रूप से रिकार्ड हो जाता है ।

2. बिटकॉइन वालेट :बिटकॉइन को स्टोर करने के लिए एक वालेट की जरूरत होती है । वॉलेट डिजिटल होते है और इसमे सार्वजनिक और निजी कुंजी होती है । सार्वजनिक कुंजी आपकी बिटकॉइन की पहचान होती है ,जबकि निजी कुंजी आपके बिटकॉइन को नियंत्रित करने का अधिकार देती है ।

3. माइनिंग :बिटकॉइन नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए माइनिंग का काम किया जाता है । माइनर्स गणनाए हल् करते है और इन गणनाओ को हल् करने पर उन्हे बिटकॉइन के रूप मी इनाम मिलता है ।

बिटकॉइन(Bitcoin)के फायदे :

1.सुरक्षा :बिटकॉइन की प्रणाली अत्यधिक सुरक्षित है । ब्लॉकचेन तकनीकी की वजह से किसी भी लेंन -देंन को धोखा देना या बदलना असंभव है ।

2.ग्लोबल एक्सेस :बिटकॉइन का इस्तेमाल पूरी दुनिया मे किया जाता है ,बशर्ते आपके पास इंटरनेट की सुविधा हो ।

3. कम ट्रांजैक्शन फीस :पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम की तुलना मे बिटकॉइन की फीस काफी कम होती है ,खासकर अंतर्राष्ट्रीय लेंन -देंन मे ।

बिटकॉइन(Bitcoin)के नुकसान  :

1. मूल्य मे उतार -चढ़ाव :बिटकॉइन का मूल्य बहुत उतार -चढ़ाव करता है ,जिससे इसमे जोखिमपूर्ण हो सकता है ।

2. कानूनी जोखिम :कुछ देशों मे बिटकॉइन और अन्य क्रीपटोकुररेंकी पर प्रतिबंध लगया गया है ,और इस्तेमाल को लेकर कानूनी समस्याए हो सकती है ।

3.ऊर्जा की खपत :बिटकॉइन माइनिंग के लिए बहुत अधिक कम्प्यूटिंग पावर और ऊर्जा की जरूरत होती , जिससे पर्यावरणीय प्रभाव हो सकता है ।

निष्कर्ष :

बिटकॉइन (Bitcoin)

एक नई और क्रांतिकारी डिजिटल मुद्रा है ,जो पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों से अलग है । इसकी विकेन्द्रकर्ण ,सुरक्षा और पारदर्शिता की विशेषताए इसे एक आकर्षक विक्लप बनती है ,लेकिन इसकी उच्च आस्तिथिरता और कानूनी अनिशताओ के कारण यह जोखिम भी पैदा कर सकती है । अगर आप इसमे निवेश करने का सोच रहे है ,तो पहले पूरी जानकारी प्राप्त करना और सावधानी से निर्णय लेना जरूरी है ।

डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top